गाजीपुर। फुल्ली गांव निवासी 12 वर्षीय बालक, जो 8 अक्टूबर को पिता की डांट से नाराज होकर घर से भाग गया था, 52 दिनों बाद पटना से सुरक्षित बरामद हुआ। बालक ने खुद को अनाथ बताकर पटना के एक ठेकेदार के घर शरण ली थी। ठेकेदार ने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के दौरान उसका विवरण सामने आने पर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कई राज्यों में की गई व्यापक खोजबीन के बाद, बालक को शुक्रवार को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन बेटे के मिलने पर भावुक हो गए और पुलिस को धन्यवाद दिया।
ऑनलाइन ठगी की कोशिश भी हुई
इस दौरान, हरपुर नई बस्ती के निवासी एक व्यक्ति ने बालक के नाम पर 5 लाख रुपये की ठगी करने का प्रयास किया। उसने परिजनों को धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए तो बच्चे की हत्या कर दी जाएगी। पुलिस ने उसे अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया।
मठ-मंदिरों में मांगी थी मन्नतें
बालक के पिता, जो एक बैंक कर्मचारी हैं, बेटे के लापता होने के बाद मंदिरों और मठों में बेटे की वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। मां भी लगातार मन्नतें मांग रही थीं। बेटे के मिलने पर परिवार ने राहत की सांस ली।

एसपी ने की टीम की प्रशंसा
एसपी डॉ. ईरज राजा ने बालक की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच और स्वॉट टीम की सराहना की। टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की गई।